Bihar BEd College News: 30+ कॉलेजों पर NCTE की रोक! नए एडमिशन पर संकट, जानें पूरी लिस्ट

बीएड की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक गंभीर स्थिति सामने आ गई है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने बिहार राज्य के एक दर्जन से अधिक बीएड कॉलेजों की गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला लिया है। यह निर्णय इन कॉलेजों में पाई गई विभिन्न खामियों के चलते लिया गया है। एनसीटीई ने इन संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें उनसे जवाब मांगा गया है कि इन कमियों को क्यों दूर नहीं किया गया। इस कार्रवाई का सीधा असर उन छात्रों पर पड़ सकता है जो शिक्षक बनने के लिए इन कॉलेजों में दाखिला लेने की सोच रहे हैं।

कुछ संस्थानों में तो नामांकन की प्रक्रिया भी रोक दी गई है, जिससे विद्यार्थियों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस परिस्थिति को देखते हुए अभिभावक और विद्यार्थी अब वैकल्पिक कॉलेजों की तलाश में लग गए हैं। आगे लेख में बताया गया है कि किन कॉलेजों पर कार्रवाई हुई है और इसकी मुख्य वजहें क्या हैं।

एनसीटीई ने क्यों उठाया यह कदम?

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने हाल ही में जारी एक अधिसूचना में स्पष्ट किया कि राज्य के कई बीएड कॉलेजों में गंभीर खामियां पाई गई हैं। इन खामियों में प्रमुख रूप से शिक्षकों की कमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर में गड़बड़ियां, और एफडी राशि जमा न होना शामिल हैं। यही नहीं, कुछ कॉलेजों ने जरूरी पार (PAR) रिपोर्ट भी समय पर नहीं सौंपी, जो संस्थानों के कार्यों की पारदर्शिता का मुख्य पैमाना होती है।

इन सभी कारणों के चलते एनसीटीई ने इन कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस भेजा है और दोष सिद्ध होने पर मान्यता रद्द करने की चेतावनी भी दी गई है।

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किन कॉलेजों को नोटिस जारी हुआ?

नोटिस पाने वाले कॉलेजों की सूची में शामिल हैं:

  • एसएम जाहिर आलम टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, दरभंगा
  • चंद्रगुप्त मौर्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बिहटा (पटना)
  • कांति देवी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, पटना
  • आर्यभट्ट टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, दुल्हिन बाजार (पटना)
  • वैद्यनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन, नवादा
  • राजमुनी देवी बीएड कॉलेज, औरंगाबाद
  • साईं बीएड एंड डीएलएड कॉलेज, रोहतास
  • प्रह्लाद राय टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, बक्सर

इसके अलावा, मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से जुड़े कई बीएड कॉलेज भी इस कार्रवाई की जद में हैं।

एफडी, शिक्षकों और ढांचे की समस्याएं बनीं मुख्य वजह

NCTE की रिपोर्ट के अनुसार कई कॉलेजों में शिक्षक अनुपात अत्यंत कम है। वहीं कुछ संस्थानों ने अब तक एफडी राशि जमा नहीं की है, जो कि नियमानुसार अनिवार्य है। अन्य संस्थानों में भवन, लैब, लाइब्रेरी आदि की सुविधाएं मानक के अनुसार नहीं पाई गई हैं।

इसके अलावा, कुछ कॉलेजों ने आवश्यक प्रशासनिक और शैक्षणिक दस्तावेज भी निर्धारित समय सीमा में जमा नहीं किए हैं। इन संस्थानों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे समय पर जवाब नहीं देते या सुधार नहीं करते, तो मान्यता रद्द की जा सकती है

विश्वविद्यालयों में कॉलेजों का पुनः स्थानांतरण

बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा से जुड़े कुछ बीएड कॉलेजों को पूर्णिया विश्वविद्यालय में स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई है। स्थानांतरण की प्रक्रिया में भी यदि निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया, तो ऐसे कॉलेजों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

छात्रों के लिए क्या है असर?

इस कार्रवाई का सबसे बड़ा असर उन छात्रों पर पड़ेगा जिन्होंने इन कॉलेजों में 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए आवेदन किया है या करने की सोच रहे हैं। यदि किसी कॉलेज की मान्यता रद्द होती है या नामांकन पर रोक लगती है, तो इन छात्रों को दूसरे कॉलेजों की तलाश करनी पड़ेगी।

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2025 में बीएड नामांकन की स्थिति

राज्य में फिलहाल 339 बीएड कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया जारी है। पहले चरण के नामांकन के लिए 15 जुलाई 2025 तक का समय निर्धारित किया गया है। इस चरण में 37,150 सीटों के लिए 36,000 से अधिक छात्रों की मेधा सूची जारी की जा चुकी है।

छात्र क्या करें?

  • ऐसे कॉलेजों में आवेदन करने से पहले उनकी मान्यता स्थिति की जांच जरूर करें।
  • एनसीटीई की आधिकारिक वेबसाइट पर मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची उपलब्ध होती है।
  • जिन कॉलेजों को नोटिस मिला है, वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें तब ही दाखिला लें।
  • किसी भी संशय की स्थिति में संबंधित विश्वविद्यालय या एनसीटीई से संपर्क करें।

बीएड की पढ़ाई कर शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए यह समय सावधानी से कदम उठाने का है। एनसीटीई की कार्रवाई एक संकेत है कि सरकार अब शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। छात्रों और अभिभावकों को चाहिए कि वे विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त संस्थानों में ही दाखिला लें ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके।

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