NEET 2025: MBBS और PG की सीटें नहीं बढ़ेंगी! लाखों छात्रों को झटका – जानें क्या है कारण

NEET UG 2025 की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मेडिकल कॉलेजों में मान्यता को लेकर हुए बड़े घोटाले के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने अगले शैक्षणिक सत्र के लिए MBBS और PG सीटों में कोई भी बढ़ोतरी न करने का फैसला लिया है। यह कदम पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे छात्रों की उम्मीदों पर बड़ा असर पड़ सकता है।

अब प्रत्येक मेडिकल कॉलेज को मान्यता की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता दिखानी होगी और तय मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस कदम से उन छात्रों को झटका लग सकता है जो 2025-26 शैक्षणिक सत्र में प्रवेश की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह फैसला चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

NEET UG 2025 छात्रों के लिए एक और झटका

यदि आप NEET UG 2025 की तैयारी कर रहे हैं और MBBS कोर्स में दाखिले की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। पिछले वर्ष जहां पेपर लीक और मार्क्स इंफ्लेशन के कारण छात्र परेशान हुए थे, वहीं इस बार मेडिकल कॉलेजों में भ्रष्टाचार से जुड़ी घटनाएं छात्रों की उम्मीदों पर पानी फेर सकती हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ कॉलेजों ने गलत तरीके अपनाकर मान्यता प्राप्त की थी, जिसमें नकली दस्तावेज, झूठे निरीक्षण और रिश्वतखोरी जैसी गंभीर बातें सामने आई हैं। ऐसे में नेशनल मेडिकल कमीशन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 2025-26 सत्र के लिए किसी भी नए कॉलेज या सीटों की बढ़ोतरी की अनुमति नहीं देगा।

2025-26 में नहीं बढ़ेंगी MBBS और PG सीटें

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने साफ कर दिया है कि वर्ष 2025-26 के लिए किसी भी मेडिकल कॉलेज को स्नातक (UG) या स्नातकोत्तर (PG) सीटों में वृद्धि या नवीनीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने या मौजूदा कॉलेजों में नए पाठ्यक्रमों को जोड़ने के प्रस्तावों को भी अस्वीकार कर दिया गया है।

यह फैसला उन छात्रों को प्रभावित कर सकता है जो कटऑफ से थोड़े अंक पीछे रहते हैं और अतिरिक्त सीटों के सहारे दाखिले की उम्मीद रखते थे। अब ऐसी सीटें उपलब्ध नहीं होंगी, जिससे प्रतिस्पर्धा और भी कड़ी हो जाएगी।

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2025-26 में क्या-क्या नहीं होगा?

  • MBBS और PG की सीटें नहीं बढ़ेंगी।
  • कोई नया मेडिकल कॉलेज शुरू नहीं होगा।
  • पहले से मान्यता प्राप्त कॉलेजों को नवीनीकरण की अनुमति नहीं मिलेगी।
  • MARB के सभी आवेदन रद्द कर दिए गए हैं।

40 से अधिक कॉलेजों में अनियमितताएं उजागर

मीडिया रिपोर्ट्स और जांच में यह सामने आया है कि देशभर के 40 से अधिक मेडिकल कॉलेजों ने मान्यता पाने के लिए अवैध तरीके अपनाए थे। इन कॉलेजों ने राष्ट्रीय मेडिकल आयोग (NMC) की विभिन्न निरीक्षण टीमों के साथ मिलीभगत करके रिश्वत दी और फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट्स के आधार पर मान्यता प्राप्त कर ली।

यह भी बताया गया है कि इसमें कुछ एजेंट्स और मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों की भूमिका रही है, जिन्होंने करोड़ों रुपए के लेन-देन के ज़रिए यह गड़बड़ी अंजाम दी। इस घोटाले ने पूरे मेडिकल शिक्षा तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

मेडिकल असेसमेंट बोर्ड के सभी आवेदन रद्द

एनएमसी ने स्पष्ट कर दिया है कि मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (MARB) को 2025-26 के लिए जो भी आवेदन प्राप्त हुए थे, वे सभी रद्द किए जाते हैं। इनमें स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए सीटों की वृद्धि, नए कोर्स शुरू करने, और नवीनीकरण से जुड़े सभी प्रस्ताव शामिल हैं।

इसका मतलब है कि अब किसी भी कॉलेज को अतिरिक्त सीटें प्रदान नहीं की जाएंगी, और न ही कोई नया मेडिकल कॉलेज खुल पाएगा। यह छात्रों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पिछली बार सीमित अंकों से पीछे रह गए थे।

नवीनीकरण पर भी लगा पूर्ण विराम

एनएमसी ने साफ किया है कि मौजूदा मेडिकल कॉलेजों को वर्ष 2025-26 के लिए अपनी मान्यता को नवीनीकरण कराने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। कॉलेजों को पहले अपनी सभी खामियों को दूर करना होगा और पारदर्शी प्रणाली के तहत काम करना होगा।

इस निर्णय से मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद की जा रही है, लेकिन छात्रों के लिए सीटों की उपलब्धता में गिरावट का असर सीधे तौर पर प्रवेश प्रक्रिया पर पड़ेगा।

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मेडिकल छात्रों के सपनों पर असर

यह फैसला उन हज़ारों छात्रों के लिए निराशाजनक हो सकता है जो NEET UG 2025 या PG 2025 में भाग ले रहे हैं। खासकर ऐसे छात्र जिनका स्कोर कट-ऑफ के करीब होता है, वे अतिरिक्त सीटों की मदद से दाखिला पाने की उम्मीद रखते हैं।

अब जब सीटें नहीं बढ़ेंगी और नए कॉलेज भी नहीं खुलेंगे, तो प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और दाखिला पाना पहले से भी अधिक कठिन हो जाएगा। इससे छात्रों को अपनी रणनीति दोबारा सोचनी पड़ेगी और वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करना होगा।

NEET UG और PG 2025 से जुड़े छात्रों के लिए यह फैसला एक दोधारी तलवार की तरह है। एक ओर यह चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने का महत्वपूर्ण प्रयास है, वहीं दूसरी ओर यह छात्रों के प्रवेश विकल्पों को सीमित कर सकता है।

नेशनल मेडिकल कमीशन का यह कठोर फैसला भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जरूरी कदम है, लेकिन इसके प्रभाव से छात्रों को समय रहते अवगत होना चाहिए, ताकि वे अपने विकल्पों को सही ढंग से तय कर सकें। अगले शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने की योजना बना रहे छात्रों को अब और भी सतर्क होकर तैयारी करनी होगी।

अब छात्रों को और भी ज़्यादा तैयारी और योजना की जरूरत है। कटऑफ ऊपर जा सकता है और सीटें सीमित होंगी। ऐसे में समय रहते वैकल्पिक कोर्स, कॉलेज और स्कॉलरशिप पर रिसर्च शुरू कर दें – यही आपकी सफलता की नई कुंजी होगी।

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