हैदराबाद की रहने वाली माधुरी रेड्डी ने नीट यूजी 2025 परीक्षा में 99.999 पर्सेंटाइल स्कोर करके एक मिसाल कायम की है। उन्होंने कक्षा 7 से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा और उसी उम्र से तैयारी शुरू कर दी। उनकी यह उपलब्धि सिर्फ मार्क्स की नहीं बल्कि एक लंबी मेहनत और जुनून की कहानी है।
कठिन मानी जाने वाली परीक्षा में सफलता की कहानी
NEET UG 2025 भारत की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में गिनी जाती है, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा हर वर्ष आयोजित किया जाता है। ऐसे में जब कोई विद्यार्थी इस परीक्षा में टॉप रैंक लाता है, तो उसकी यात्रा लाखों छात्रों के लिए एक प्रेरणा बन जाती है। माधुरी की यह कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जो यह बताती है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत निरंतर बनी रहे, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
माधुरी रेड्डी ने हासिल की NEET UG 2025 में 7वीं रैंक
साल 2025 की NEET परीक्षा में माधुरी रेड्डी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल इंडिया रैंक 7 हासिल की। उन्होंने कुल 720 अंकों में से 695 अंक प्राप्त किए। इस परफॉर्मेंस ने उन्हें 99.999 पर्सेंटाइल क्लब में शामिल कर दिया। NEET के जरिए देशभर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है, और इस रैंक ने उन्हें भारत के किसी भी शीर्ष संस्थान में सीट पाने का हकदार बना दिया।
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महिला श्रेणी में बनीं टॉप रैंक होल्डर
माधुरी महिला श्रेणी में टॉपर बनीं और ऑल इंडिया रैंक में 7वें स्थान पर रहीं। उनका डॉक्टर बनने का सपना बचपन से था, इसलिए उन्होंने बहुत जल्द ही इस दिशा में कदम बढ़ा दिए। कक्षा 7 में ही उन्होंने मेडिकल फाउंडेशन कोर्स जॉइन किया और निरंतर मेहनत जारी रखी।
माधुरी की पढ़ाई की दिनचर्या – रोज़ाना 10 से 12 घंटे
माधुरी ने हर दिन औसतन 10 से 12 घंटे पढ़ाई की। उनकी एकाग्रता और मेहनत का ही परिणाम था कि उन्होंने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 98.6% अंक प्राप्त किए। इसके साथ ही उन्होंने AP EAMCET 2025 परीक्षा में भी 5वीं रैंक हासिल की। ये सभी नतीजे उनकी पढ़ाई के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं।
परिवार बना सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम
अपनी सफलता का श्रेय माधुरी अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती हैं। उनके पिता तिरुपति रेड्डी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। उनके माता-पिता ने हर मोड़ पर उन्हें प्रेरणा दी और हर तरह का सहयोग किया। उनके शिक्षकों ने भी उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दिया।
AIIMS और JIPMER की परीक्षाएं भी दीं
NEET के अलावा, माधुरी ने AIIMS और JIPMER की परीक्षाओं में भी हिस्सा लिया। इन दोनों संस्थानों को भारत में मेडिकल एजुकेशन के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इससे यह साबित होता है कि माधुरी का लक्ष्य सिर्फ एक सीट पाना नहीं, बल्कि देश के शीर्ष मेडिकल संस्थानों में प्रवेश करना था।
पढ़ाई के साथ-साथ हॉबीज़ को भी समय दिया
माधुरी पढ़ाई के साथ-साथ खेल और मनोरंजन में भी रुचि रखती थीं। उन्हें बैडमिंटन खेलना, फिल्में देखना और क्रिकेट मैच का लुत्फ उठाना बेहद पसंद है। इससे यह पता चलता है कि उन्होंने एक संतुलित जीवनशैली अपनाई और मानसिक संतुलन बनाए रखा।
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उपराष्ट्रपति से मिली सराहना
माधुरी की इस सफलता की सराहना खुद देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “तेलंगाना की जी. माधुरी रेड्डी को NEET परीक्षा 2025 में दक्षिण भारत की महिलाओं में टॉप करने के लिए बधाई। वह उन छात्रों के लिए प्रेरणा हैं जो मेडिकल क्षेत्र में नाम बनाना चाहते हैं।”
मेहनत और समर्पण ही सफलता की कुंजी
माधुरी की इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मेहनत, लगन और लगातार प्रयास सबसे जरूरी हैं। उनकी यह सफलता यह दिखाती है कि एक ठोस रणनीति और समर्पित अध्ययन के साथ कोई भी छात्र NEET जैसी कठिन परीक्षा में टॉप कर सकता है।
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