NEET UG 2025 परीक्षा का आयोजन सफलतापूर्वक हो चुका है और हाल ही में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने प्रोविजनल आंसर की जारी की है। अब यह उम्मीद की जा रही है कि परीक्षा परिणाम 14 जून 2025 तक घोषित किए जा सकते हैं। ऐसे में कई छात्रों के मन में यह चिंता हो सकती है कि यदि उनका स्कोर अपेक्षा से कम रहा, तो क्या उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल पाएगा?
आमतौर पर यह धारणा बनी हुई है कि सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स के लिए बहुत अधिक स्कोर और रैंक की आवश्यकता होती है। हालांकि, यह हमेशा सही नहीं होता। देश में कुछ ऐसे प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेज भी हैं जो अपेक्षाकृत कम स्कोर पर भी योग्य छात्रों को प्रवेश देते हैं।
कम स्कोर पर भी मिल सकता है सरकारी मेडिकल कॉलेज
भारत के कई मेडिकल कॉलेजों की कट ऑफ बहुत अधिक होती है, जिन्हें पार करना हर छात्र के लिए आसान नहीं होता। लेकिन इसके विपरीत, कुछ ऐसे संस्थान भी हैं जो नीट यूजी में औसत स्कोर प्राप्त करने वाले छात्रों को भी MBBS में प्रवेश देते हैं। यहां हम ऐसे कुछ प्रमुख सरकारी मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट साझा कर रहे हैं, जिनमें अपेक्षाकृत कम रैंक के बावजूद एडमिशन मिल सकता है।
संभावित रैंक के आधार पर कॉलेजों की सूची
यहां ऐसे सरकारी कॉलेजों की संभावित रैंक के अनुसार लिस्ट दी जा रही है जो कम स्कोर वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश दे सकते हैं:
- सरकारी मेडिकल कॉलेज, नंदूरबार – अनुमानित रैंक: 5,25,000 से 5,75,000
- तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज – अनुमानित रैंक: 5,75,000 से 6,00,000
- जीएमसी शहडोल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल – अनुमानित रैंक: 5,00,000 से 5,25,000
- सरकारी कॉलेज, करूर – अनुमानित रैंक: 5,75,000 से 6,00,000
- शासकीय मेडिकल कॉलेज, सूरत – अनुमानित रैंक: 5,25,000 से 5,50,000
- हिमाचल प्रदेश मेडिकल कॉलेज, शिमला – अनुमानित रैंक: 5,00,000 से 5,25,000
- नंद कुमार सिंह चौहान शासकीय मेडिकल कॉलेज, खंडवा – अनुमानित रैंक: 5,00,000 से 5,25,000
- जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, बेलगावी – अनुमानित रैंक: 5,00,000 से 5,25,000
- शासकीय मेडिकल कॉलेज, रतलाम – अनुमानित रैंक: 5,25,000 से 5,50,000
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सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए नीट यूजी परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। परीक्षा पास करने के बाद, छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होता है। काउंसलिंग के दौरान सीटों का आवंटन छात्र के स्कोर और रैंक के आधार पर किया जाता है।
नीट यूजी की कट ऑफ विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है:
- परीक्षा में सम्मिलित छात्रों की कुल संख्या
- पेपर की कठिनाई का स्तर
- कॉलेजों में उपलब्ध सीटों की संख्या
- परीक्षा में प्राप्त अधिकतम अंक
इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए हर साल कट ऑफ में बदलाव देखने को मिलता है।
NEET UG 2025 की संभावित कट ऑफ क्या हो सकती है?
नीट यूजी 2025 परीक्षा का आयोजन 4 मई 2025 को हुआ था। इस वर्ष 22 लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है। पिछले साल 600 अंक प्राप्त करने वाले कुछ छात्रों को भी सरकारी कॉलेज में सीट नहीं मिल पाई थी।
इस वर्ष विशेषज्ञों का अनुमान है कि कट ऑफ 490 से 520 अंक के बीच रह सकती है, हालांकि इसमें थोड़ी बहुत वृद्धि या कमी संभव है। विभिन्न अंकों पर संभावित रैंक कुछ इस प्रकार हो सकती है:
- 350 अंक – अनुमानित रैंक: 27 लाख से 30 लाख
- 650 अंक – अनुमानित रैंक: 4.7 लाख से 5.2 लाख
इस आधार पर छात्र अपने स्कोर के अनुसार संभावित कॉलेज के चयन की योजना बना सकते हैं।
निचले स्कोर के बावजूद आशा न छोड़ें
भले ही आपका स्कोर अपेक्षा से कम रहा हो, फिर भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की संभावना समाप्त नहीं होती। ऊपर बताए गए कॉलेजों की सूची और रैंक को ध्यान में रखते हुए छात्र काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेकर उचित योजना बना सकते हैं।
नीट यूजी 2025 में कम स्कोर आने पर निराश होने की आवश्यकता नहीं है। देश में कई ऐसे सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं जो अपेक्षाकृत कम स्कोर पर भी एमबीबीएस में प्रवेश देते हैं। सही जानकारी और काउंसलिंग की मदद से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
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